प्यार सिखा है सिखी है वफ़ा
तुझमें छुपी दुर्गा भी, मैंने देखी है कई दफा
खूदा को मानती हूँ, तुझीमें देखती हूँ
है मोहब्बत ही इबादत, मै हर कदम सिखती हूँ
जीवनके हर रंग में ढलना सिखा है
माँ मैंने तुम्हीसे गिरकर फिर संभलना सिखा है
नानी की धरोहरको दिलमें संजोते हुए
मैंने देखा है तुम्हे दादीके नक्शेकदम चलते हुए
दोनों किनारोंको सहेजकर चलना सिखा है
सबसे मिलकरभी खुदसे मिलना सिखा है
देखा है दर्द और कठीनाईयॉ भी
सिखी है रिश्तोंकी गहराइयाँ भी
रूकना सिखा है झुकना सिखा है
हर बंधन दिलसे निभाना सिखा है
माँ तुमसे मैंने जीना सिखा है
माँ तुमसे मैंने जीना सिखा है
V nice
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